चलो USA चलें,लंदन चलें पेरिस चलें …… छोड़ो हम चले कहीं और ……हम चले Jordan। Jordan जहाँ Dead Sea के किनारे हैं,जहाँ crusaders की लड़ाई की दास्तान हा,जहाँ वादियाँ हैं,बाइबल की कथाओं के ज़मीन है, खोया हुआ एक शहर है और उसके खोने की अनसुलझी पहेली है।
आज पहला दिन है ।दिल्ली से अबू धाबी और वहाँ से अम्मान ।सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था।दिल्ली के उड़ान थोड़ी देर से चली पर अबू धाबी की फ्लाइट दौड़ भाग कर मिल गई।सामान भी सही सलामत पहुँच गया।
पर पिक्चर में twist तो तब आया जब हम वीजा लेने पहुंचे।यहाँ बता दें कि Jordan जाने के लिए visa on arrival है और जाने से पहले एक Jordan Pass लेना ज़रूरी है। अम्माँ पहुँच वीसा लेने पहुँचे तो उसने हमारे कोड़े पासपोर्ट को दिल्ह पूँछा आप अमेरिका से हैं,अमेरिका का वीसा है या यूरोप का।सब नहीं नहीं बोल दिया गया तो उसने हमें पुलिस वाले के पास पहुँचा दिया।लगभग एक घंटे मगजमारी के बाद पाँच मिनट में वीसा का ठप्पा लग गया। कुछ और भी माथापच्ची हुई,समय बर्बाद हुआ पर फिर हम रवाना हो गए Dead Sea के लिए ।
अहमद जी हमारा इंतज़ार कर रहे थे।छ लोगों के टीम के लिए एक ट्रैवलर नुमा गाड़ी तैयार थी ।पहले दिन का प्रोग्राम था की शाम को हम Dead Sea में तैरेंगे और बाद में करख जाएँगे ।airport में देरी से कुछ उलट पुलट हो गया और हम सीधे पहुचे Al Karak जहाँ एक पुराना क़िला है । Amman से Al Karak का रास्ता भी गजब सुंदर है| Amman से दक्षिण की ओर कोई डेढ़ घंटे का रास्ता है| Medieval जमाने यानि Crusades के का बना यह castle ईसाइयों और अरब मुस्लिम के बीच हुई जंगों का भागीदार रह चुका है।जहाँ कभी सैनिकों के आने जाने,नाकाबंदी की कहानियां,एक पूरा शहर था इसमें ।चर्च था,कमरे थे,खाने पीने का पूरा इंतज़ाम। अरब राजा के हाथ पड़ा तो मस्जिद है ।castle उस जगह की सबसे ऊँची पहाड़ी पर है और वहाँ से नीचे की घाटी और दूर दूर तक सब दिखाई पड़ता है ।बड़ी strategic जगह है और उस ज़माने में इस क्षेत्र पर अधिकार जमाने के लिए उपयुक्त।
हमें वहाँ गाइड करने के लिए मिला याहया,जो कारक यूनिवर्सिटी में इतिहास पढ़ता है और जिसके पिता ने दिल्ली से MBBS किया और कारक के अस्पताल में डॉक्टर। नमस्ते करते हैं और भारत की आबादी से नाराज़ है ।
उतर कर चल पड़े हम Dead Sea की ओर। यह रास्ता ग़ज़ब का था।हम अब नीचे उतर रहे थे। Dead Sea समंदर के स्तर से नीचे है। दाई ओर थे पहाड़,कोई पेड़ नहीं,भूरे,हवा के थपेड़ों से उन पर नाक नक़्शे सब बने हुए हैं । अहमद ने बताया उस वादी में एक hiking trail भी है जो समंदर तक जाती है ।
कहानी तस्वीरों की ज़बानी!